१५ वां अंतर्राष्ट्रीय सगरमाथा (माउंट एवरेस्ट) दिवस आज विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया गया ।
यह दिन हर साल २९ मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहली सफल मानव चढ़ाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दो पर्वतारोही तेन्जिंग नोर्गे शेर्पा और एडमंड हिलेरी ने २९ मई १९५३ को चोटी की चोटी पर पहुंचकर विश्व इतिहास रचा था । अपने साथी पर्वतारोही शेर्पा (९ मई, १९८६) के निधन के ४० साल बाद ११ जनवरी, २००८ को हिलेरी की मृत्यु हुई थी ।
सगरमाथा दिवस की मुख्य आयोजन समिति द्वारा आयोजित समारोह में शामिल होने वालों में संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री प्रेम बहादुर आले, पर्यटन सचिव महेश्वर न्यौपाने, पर्यटन उद्योग की विशिष्ट हस्तियां, प्रसिद्ध पर्वतारोही और पर्यटन उद्यमी शामिल थे ।
आधिकारिक कार्यक्रम से पहले स्थानीय ठमेल से कार्यक्रम स्थल तक सुबह का जुलूस निकाला गया। जुलूस में पर्यटन उद्यमियों और हितधारक संगठनों ने भाग लिया। अब तक लगभग ७००० नेपाली और विदेशी पर्वतारोही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुके हैं।
पर्वतारोहियों के बीच इस सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने की होड़ मची हुई है और पुराने रिकॉर्ड तोड़े जा रहे हैं और नए रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं।
कामिरिता शेर्पा ने २६ वीं बार माउंट एवरेस्ट फतह कर नवीनतम विश्व रिकॉर्ड बनाया है । उन्होंने १९९४ में पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था । इसी तरह, आप्पा शेर्पा ने २१ बार सगरमाथा को फतह किया है जबकि अन्य पर्वतारोहियों ने पर्वतारोहण की विभिन्न श्रेणियों में नए रिकॉर्ड बनाए हैं ।
पर्यटन विभाग द्वारा प्रकाशित 'माउंटेनियरिंग इन नेपाल, फैक्ट्स एंड फिगर्स-2020' के अनुसार, ६५०७ पर्वतारोहियों ने सगरमाथा पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है ।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली महिला पर्वतारोहियों की संख्या अब तक ४७१ पहुंच गई है। जापानी, जुंको ताबेई सगरमाथा पर चढ़ने वाली पहली महिला थीं ।उन्होंने १६ मई, १९७५ को इसे बढ़ाया ।
पासाङ ल्हामू शेर्पा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली पहली नेपाली महिला हैं । उन्होंने २२ अप्रैल, १९९३ को सफलतापूर्वक इस पर चढ़कर इतिहास रचा था ।