बैशाख ३० (मई ११) को होने जा रहे स्थानीय तह के निर्वाचन के लिए रात १२ बजे से मौन अवधि शुरु हो गई है । इस दौरान राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों या उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता जारी किया है । राजनीतिक दल तिनके भ्रातृ संगठन या संबंधित व्यक्ति के लिए लागु होने वाले इस आचार संहिता में क्या क्या कर सकते हैं, क्या क्या नहीं कर सकते बारे में लिखा गया है ।
- मौन काल में चुनाव प्रचार सहित किसी भी प्रकार की चर्चा, संवाद, सभा, कार्यशाला आदि करने में रोक लगाई गई है;
- मौन अवधि शुरू होने से पहले, मतदान केंद्र के ३०० मीटर के भीतर राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की प्रचार सामग्री हटा दी जानी चाहिए;
- किसी भी तरीके, प्रक्रिया या माध्यम से वोट मांगना या चुनाव प्रचार प्रसार नहीं करना,
- सोशल मीडिया, ऑनलाइन, प्रिंट या किसी अन्य माध्यम से राजनीतिक दल या उम्मीदवार के खिलाफ या उनके खिलाफ कोई संदेश, सूचना या प्रचार सामग्री पोस्ट या साझा करने में भी बन्देज लगाया गया है ।
मौन अवधि के दौरान भोज, धन वितरण, अधिवेशन आयोजित कर आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने की चेतावनी भी निर्वाचन आयोग ने दिया है । आचार संहिता उल्लंघन के बारे में निरीक्षण करने के लिए आयोग नें पुरे अधिकार के साथ १८ उच्चस्तरीय टोली को परिचालन किया है ।