नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने नेपाल में बारिश के मौसम में बचत होने वाली अतिरिक्त बिजली भारत को बेचने के लिए टेंडर आह्वान किए हैं ।
एनईए ने ६ मई को २०० मेगावाट बिजली बेचने के लिए भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव मांगा है । नेपाल की जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पन्न २०० मेगावाट बिजली पांच महीने (१७ जुलाई से २९ नवंबर) तक भारतिय कंपनियों को बेच्ने की तयारी एनईए ने की है । भारत के केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के माध्यम से बिजली के व्यापार के लिए लाइसेंस प्राप्त व्यापारिक कंपनियां, बिजली वितरण कंपनियां और अन्य लोग प्रतिस्पर्धा मे भाग ले सकते हैं ।
नेपाल भारत बीच हुए सम्झौते अनुसार एनईए भारतीय बजार में ३६४ मेगावाट बिजुली बेच सकता है । इसमें से २०० मेगावाट बिजली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से जो ज्यादा मुल्य देगा उसे ही बेचने की पेशकश एनईए की है । बाँकी १६४ मेगावाट बिजली भारतीय ऊर्जा एक्सचेन्ज ९आइएक्स में बेचने की तयारी एनईए की है । एनईए ने कहा है कि वह सभी टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद १ जुलाई से बिजली मुहैया कराएगी ।
नेपाल से बिजली खरीदने की इच्छुक कंपनियां १३ जून को दोपहर १२ बजे तक अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकेंगी और उसी दिन दोपहर १ बजे प्रस्ताव खोला जाएगा । इच्छुक कंपनियों के लिए ५० मेगावाट से कम की खरीद का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करने का प्रावधान किया गया है। कंपनियों को उनके द्वारा दी जाने वाली राशि के लिए ३०,००० भारतीय रुपये (४८,००० रुपये) प्रति मेगावाट की बयाना राशि जमा करनी होगी ।
भारत ने नेपाल में छ बिजली घरों से उत्पन्न बिजली को स्रोत मानते हुए भारतीय बाजार में बिक्री के लिए एनईए को मंजूरी दी है। इस मन्जुरी के तहत एनईए के स्वामित्व वाली त्रिशूली, देवीघाट, कालीगंडकी 'ए', मध्यमर्स्याङदी, मर्स्याङ्दी और लिखू-४ से उत्पादित ३६४ मेगावाट बिजली भारत निर्यात की जा सकती है । ये बिजली ढल्केवर-मुजफ्फरपुर ४०० केभी इंटर-कंट्री ट्रांसमिशन लाइन के जरिए निर्यात किया जाएगा ।